बच्चों का सीखना: Dr. Vikas Divyakirti की समझ | डॉ. विकास दिव्याकीर्ति द्वारा प्रस्तुत इस ब्लॉग में आपको बच्चों की भौतिकी सीखने के रहस्य और बाल मनोविज्ञान के दिलचस्प पलों की अनमोल जानकारी मिलेगी। Discover the secrets of children’s learning and fascinating moments of child psychology in this blog presented by Dr. Vikas Divyakirti.
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विकास दिव्यकीर्ति ने अपने उपदेश में विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बच्चों को शिक्षित करने के लिए निरीक्षण की महत्वता को प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने परिवेश में देख और सीखते हैं, और इस प्रक्रिया में उन्हें अधिक उत्साहित करने की जरूरत है। बच्चों को विभिन्न तरीकों से शिक्षित करने का प्रयास करते समय, उन्होंने देखा कि उन्हें सीधे निर्देशों की बजाय अपने आसपास के वातावरण के माध्यम से सीखने का अधिक संभावना है।
दिव्यकीर्ति ने उदाहरण के रूप में बच्चों के द्वारा उनके माता-पिता की नकल के महत्व को बताया। वे बताते हैं कि बच्चे अक्सर अपने माता-पिता के व्यवहार को देखकर उन्हें नकल करते हैं और उनसे प्रेरित होते हैं। यहाँ उन्होंने बताया कि मनोविज्ञानी जॉन बॉन्डुरा के अनुसार, बच्चों का सीखना वास्तव में उनके आसपास के वातावरण के माध्यम से होता है, जिसमें वे अपने माता-पिता के व्यवहार का अवलोकन करते हैं।
इसके अलावा, विकास दिव्यकीर्ति ने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों की शिक्षा में उनके माता-पिता के व्यवहार का क्या महत्व है। उन्होंने दिखाया कि बच्चे वास्तव में उनके माता-पिता के व्यवहार को नकल करते हैं और इससे उनका व्यवहार बदलता है।
दिव्यकीर्ति ने एक प्रेरणादायक कहानी साझा की, जिसमें एक बच्चा अपने पिता की गालियों का अनुकरण करता है। उसने बताया कि बच्चों के लिए उनके माता-पिता के व्यवहार का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है, और इससे उन्हें सही और गलत का अंतर सीखने में मदद मिलती है।
विकास दिव्यकीर्ति ने अपने उपदेश में जागरूकता फैलाई कि बच्चों का सीखना और विकास कैसे होता है। उन्होंने बताया कि बच्चे अक्सर अपने आसपास के वातावरण को ध्यान से देखते हैं और उनके व्यवहार से प्रेरित होते हैं। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने व्यवहार पर ध्यान दें, क्योंकि यह उनके बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे बताते हैं कि माता-पिता का व्यवहार उनके बच्चों को सही और गलत के बीच अंतर सीखने में मदद करता है।
दिव्यकीर्ति के अनुसार, बच्चों के संवेदनशीलता को विकसित करने के लिए नकल का एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने बताया कि बच्चे अक्सर अपने परिवेश में देखकर और अनुभव करके सीखते हैं। उनके माता-पिता के व्यवहार से प्रेरित होकर वे जीवन के मुख्य सिद्धांतों को समझते हैं। इसके अलावा, वे अपने माता-पिता के साथ अपने व्यवहार में भाग लेते हैं और उनके साथ खेलने के लिए प्रेरित होते हैं।
विकास दिव्यकीर्ति ने आपसी सहमति और समझौते के महत्व को भी उजागर किया है। वे बताते हैं कि माता-पिता के बीच एकदूसरे के साथ सहमति और समझौतों का माहौल बच्चों को सही और उचित वातावरण प्रदान करता है, जिससे वे अपने व्यक्तित्व को समृद्ध कर सकते हैं। वे आपसी सहमति को समझाने और दूसरों की भावनाओं का सम्मान करने की महत्वता को बताते हैं।
उन्होंने अपने उपदेश में बताया कि बच्चों की शिक्षा और विकास में माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उनके व्यवहार और वातावरण से बच्चे अपने आपको सीखते हैं और उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विकास दिव्यकीर्ति का संदेश है कि माता-पिता को अपने व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वे अपने बच्चों के लिए आदर्श और उदाहरण स्थापित करते हैं। इससे बच्चे सही और स्वस्थ संदेशों को सीखते हैं और समाज में सकारात्मक योगदान करते हैं।